भोपाल में महिला सशक्तिकरण सम्मेलन: एक ऐतिहासिक अवसर
"भोपाल में आयोजित महिला सशक्तिकरण सम्मेलन भारत के सांस्कृतिक और सामाजिक इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण बन गया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में कई महत्वपूर्ण योजनाओं का शुभारंभ किया।"
महिला सशक्तिकरण की प्रेरणा: देवी अहिल्याबाई होलकर
देवी अहिल्याबाई होलकर सिर्फ एक शासिका नहीं थीं, वे भारतीय नारीशक्ति का प्रतीक थीं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में उन्हें राष्ट्र निर्माण में मातृशक्ति के योगदान का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई ने शासन को जनसेवा का माध्यम माना और विपरीत परिस्थितियों में भी धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक सुधार किए।
महिला कल्याण के लिए घोषित नई योजनाएं
प्रधानमंत्री ने भोपाल से कई योजनाओं की शुरुआत की जिनका लक्ष्य है:
महिलाओं को स्वरोजगार के लिए वित्तीय सहायता देना।
'लखपति दीदी' योजना का विस्तार, जिससे अब तक 1.5 करोड़ महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं।
नमो ड्रोन दीदी योजना, जिससे ग्रामीण महिलाएं टेक्नोलॉजी में भागीदारी निभा सकें।
बीमा सखी और बैंक सखी योजनाएं, जो महिलाओं को वित्तीय साक्षरता और आत्मनिर्भरता से जोड़ती हैं।
महिला सशक्तिकरण सम्मेलन में घोषित अवसंरचना परियोजनाएं
सिर्फ सामाजिक योजनाएं ही नहीं, प्रधानमंत्री ने विकासात्मक परियोजनाओं की भी घोषणा की:
इंदौर मेट्रो का शुभारंभ,
दतिया और सतना में नए हवाई अड्डे,
रतलाम-नागदा रेलवे लाइन का चौड़ीकरण,
इंदौर–मनमाड रेल परियोजना को मंजूरी।
ये सब परियोजनाएं रोजगार, परिवहन सुविधाओं, और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देंगी।
महिलाओं के लिए ऐतिहासिक और सामाजिक सुधार
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि देवी अहिल्याबाई ने:
महिलाओं को संपत्ति में अधिकार देने की पहल की,
विधवाओं को पुनर्विवाह का समर्थन किया,
नारी सुरक्षा के लिए गाँवों में सुरक्षा टोलियाँ बनाईं,
सेना में महिला टुकड़ियाँ गठित कीं।
ये सुधार उस युग में किए गए जब महिलाओं की स्थिति बेहद सीमित थी।
आज की महिला और टेक्नोलॉजी
प्रधानमंत्री ने बताया कि आज की भारतीय महिला:
फाइटर पायलट बन रही है,
डिफेंस एकेडमी से पास हो रही है,
स्टार्टअप्स और साइंस प्रोजेक्ट्स में भागीदारी कर रही है,
INS विक्रांत जैसे युद्धपोतों पर तैनात हो रही है।
इन उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है कि भारत की महिलाएं अब सभी क्षेत्रों में नेतृत्व कर रही हैं।
नारीशक्ति और राष्ट्र रक्षा
ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि:
BSF की महिला जवानों ने सीमा पर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया,
महिलाओं ने कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम से लेकर ऑपरेशनल रणनीति में भूमिका निभाई।
यह अभियान नारीशक्ति के सैन्य योगदान का प्रतीक बन गया है।
संस्कृति और विरासत की रक्षा
अहिल्याबाई की तरह आज की सरकार भी:
तीर्थ स्थलों का जीर्णोद्धार कर रही है,
कला और शिल्प को बढ़ावा दे रही है,
और भारतीय संस्कृति और आधुनिक विकास के बीच संतुलन बना रही है।
भारत की प्रेरणादायक महिलाएं: गौरव और श्रद्धा के प्रतीक
प्रधानमंत्री ने रानी लक्ष्मीबाई, रानी दुर्गावती, रानी कमलापति, सावित्रीबाई फुले जैसी वीरांगनाओं को याद कर भारतीय महिला परंपरा की गौरवगाथा को दोहराया।