राष्ट्रपति ने वसंत पर्वों की पूर्व संध्या पर दी शुभकामनाएं
राष्ट्रपति ने देशवासियों को वसंत पर्वों की शुभकामनाएं दीं
भारत की सांस्कृतिक विविधता और समृद्ध परंपराओं का प्रतीक, वसंत ऋतु के आगमन के साथ विभिन्न राज्यों में मनाए जाने वाले पर्वों की श्रृंखला है। राष्ट्रपति ने इन पर्वों की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं, जो हमारी सांस्कृतिक एकता और विविधता का उत्सव हैं।
वसंत पर्वों का सांस्कृतिक महत्व
वसंत ऋतु के आगमन के साथ भारत में विभिन्न राज्यों में पारंपरिक पर्व मनाए जाते हैं, जो न केवल कृषि चक्र की शुरुआत का संकेत देते हैं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को भी मजबूत करते हैं।
वैशाखी
पंजाब और हरियाणा में मनाई जाने वाली वैशाखी, फसल कटाई का पर्व है। यह दिन किसानों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह उनकी मेहनत का फल प्राप्त करने का समय होता है।
विषु
केरल में मनाया जाने वाला विषु, मलयाली नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन लोग विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और अपने परिवार के साथ मिलकर त्योहार का आनंद लेते हैं।
बोहाग बिहू
असम में मनाया जाने वाला बोहाग बिहू, असमिया नववर्ष की शुरुआत का संकेत देता है। यह पर्व कृषि से जुड़ा हुआ है और लोग नृत्य, संगीत और पारंपरिक व्यंजनों के साथ इसका उत्सव मनाते हैं।
पोयला बोइशाख
पश्चिम बंगाल में मनाया जाने वाला पोयला बोइशाख, बंगाली नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं, मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।
मेषादी और वैशाखादि
तमिलनाडु और महाराष्ट्र में मनाए जाने वाले मेषादी और वैशाखादि, क्रमशः तमिल और मराठी नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक हैं। इन पर्वों पर लोग अपने घरों की सफाई करते हैं, पूजा करते हैं और पारंपरिक व्यंजनों का आनंद लेते हैं।
पुतादुं पिरापु
तमिलनाडु में मनाया जाने वाला पुतादुं पिरापु, तमिल नववर्ष की शुरुआत का संकेत देता है। इस दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं, विशेष व्यंजन बनाते हैं और अपने प्रियजनों के साथ त्योहार का आनंद लेते हैं।
राष्ट्रपति का संदेश
राष्ट्रपति ने इन पर्वों की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि ये पर्व हमारी सांस्कृतिक विविधता और एकता का प्रतीक हैं। उन्होंने सभी नागरिकों से इन पर्वों को आपसी प्रेम, भाईचारे और सद्भावना के साथ मनाने की अपील की।
सांस्कृतिक विविधता में एकता
भारत की विविधता में एकता की भावना इन पर्वों के माध्यम से स्पष्ट होती है। विभिन्न राज्यों में मनाए जाने वाले ये पर्व न केवल स्थानीय परंपराओं को दर्शाते हैं, बल्कि राष्ट्रीय एकता को भी मजबूत करते हैं।