Lifestyleहैल्थ

विटामिन D की कमी के प्रमुख कारण: हड्डियों और इम्यून सिस्टम के लिए क्यों है जरूरी

विटामिन D का शरीर में क्या काम है?

  • हड्डियों को मजबूत बनाना
  • कैल्शियम और फॉस्फोरस के संतुलन को बनाए रखना
  • इम्यून सिस्टम को सक्रिय रखना
  • मांसपेशियों की कार्यक्षमता में सुधार
  • मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करना

विटामिन D की कमी केवल एक कारण से नहीं होती, बल्कि इसके पीछे जीवनशैली, स्वास्थ्य, खानपान और पर्यावरण से जुड़ी कई वजहें होती हैं।

1. धूप में न निकलना – प्राकृतिक स्रोत की कमी

विटामिन D का सबसे अच्छा प्राकृतिक स्रोत सूर्य की किरणें हैं। जब त्वचा सूरज की UV-B किरणों के संपर्क में आती है, तो शरीर में विटामिन D बनता है।

आज के समय में लोग अधिकतर घरों, ऑफिस और बंद कमरों में समय बिताते हैं, जिससे शरीर को जरूरी धूप नहीं मिलती और विटामिन D का स्तर गिरने लगता है।

2. डाइट में पोषक तत्वों की कमी

खानपान का विटामिन D की मात्रा पर सीधा असर पड़ता है। जिन लोगों की डाइट में दूध, अंडा, मछली, मशरूम और विटामिन D से समृद्ध खाद्य पदार्थ नहीं होते, उन्हें इसकी कमी हो सकती है।`

3. त्वचा का रंग और मोटापा

गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों में मेलेनिन की मात्रा अधिक होती है, जो विटामिन D के निर्माण में बाधा डालती है। वहीं, अधिक वजन या मोटापे से ग्रसित लोगों के शरीर में विटामिन D वसा कोशिकाओं में जमा हो जाता है, जिससे वह पूरी तरह सक्रिय नहीं हो पाता।

4. उम्र बढ़ने के साथ कमी

उम्र के साथ शरीर की त्वचा की विटामिन D बनाने की क्षमता धीरे-धीरे कम हो जाती है। बुजुर्गों को आमतौर पर धूप में कम समय बिताने का भी अवसर मिलता है, जिससे उनमें यह कमी आम होती है।

5. किडनी और लिवर की बीमारियां

विटामिन D को शरीर में सक्रिय रूप में बदलने के लिए लिवर और किडनी की अच्छी कार्यक्षमता जरूरी होती है। इन अंगों से जुड़ी बीमारियां विटामिन D की प्रक्रिया को बाधित कर सकती हैं।

6. अधिक सनस्क्रीन का उपयोग

सनस्क्रीन स्किन को UV-B किरणों से बचाता है, लेकिन इसके अत्यधिक उपयोग से विटामिन D का निर्माण रुक जाता है। लंबे समय तक और अधिक SPF वाले सनस्क्रीन का अत्यधिक उपयोग विटामिन D की कमी का कारण बन सकता है।

विटामिन D की कमी के लक्षण

जब शरीर में विटामिन D की मात्रा कम हो जाती है, तो इसके कुछ स्पष्ट लक्षण दिखाई देने लगते हैं:

  • हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द
  • थकान और कमजोरी
  • बार-बार बीमार पड़ना
  • बालों का झड़ना
  • डिप्रेशन और मूड स्विंग्स
  • हड्डियों का टूटना या फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ना

विटामिन D की जांच कैसे कराएं?

यदि आप ऊपर दिए गए लक्षणों से परेशान हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेकर एक ब्लड टेस्ट (25-hydroxyvitamin D test) करवाना चाहिए।

इस टेस्ट से यह पता लगाया जाता है कि शरीर में विटामिन D का स्तर कितना है:

  • 20 ng/mL से कम – कमी
  • 20–50 ng/mL – सामान्य
  • 50 ng/mL से अधिक – अधिकता (जो भी नुकसानदायक हो सकता है)

विटामिन D की कमी को कैसे दूर करें?

1. नियमित धूप लें

सुबह 7 से 10 बजे के बीच 15–30 मिनट तक धूप में रहना लाभकारी है।

2. विटामिन D युक्त खाद्य पदार्थ खाएं

जैसे – अंडा, दूध, दही, मशरूम, फैटी फिश, फोर्टिफाइड अनाज आदि।

3. डॉक्टर के निर्देश से सप्लीमेंट लें

जरूरत पड़ने पर विटामिन D के कैप्सूल या ड्रॉप्स लिए जा सकते हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह आवश्यक है।

4. लाइफस्टाइल में बदलाव

योग, वॉक और फिजिकल एक्टिविटी को दिनचर्या में शामिल करें।

विटामिन D की कमी के कारण आज की भागदौड़ भरी और घरों में सिमटी जीवनशैली है। इस पोषक तत्व की कमी से न केवल हड्डियों की मजबूती प्रभावित होती है, बल्कि इम्यून सिस्टम और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर पड़ता है।

संतुलित आहार, नियमित धूप, और समय पर जांच के जरिए इस कमी से आसानी से बचा जा सकता है। यदि लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और शरीर को स्वस्थ बनाए रखें।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *