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यमुना जल विवाद: चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल से मांगा सबूत

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा यमुना जल में जहर मिलाने के आरोपों पर भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने संज्ञान लिया है। आयोग ने गुरुवार को केजरीवाल को आरोपों के समर्थन में प्रमाण देने का अवसर दिया और उनसे विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा।

चुनाव आयोग ने केजरीवाल से पूछा है कि कौन सा पदार्थ, कितनी मात्रा में और किस प्रकार से पानी में मिलाया गया। इसके अलावा, दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों द्वारा इस कथित “जहरीले पानी” की पहचान में निभाई गई भूमिका पर भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।

🔹 चुनाव आयोग ने क्यों लिया संज्ञान?

✅ केजरीवाल ने दावा किया कि यमुना के पानी में जानबूझकर जहर मिलाया गया
✅ उन्होंने आरोप लगाया कि अमोनिया स्तर को सुनियोजित रूप से बढ़ाया गया ताकि दिल्लीवासियों को जहरीला पानी पीने के लिए मजबूर किया जाए।
✅ उन्होंने इसे “युद्ध जैसा कृत्य” और “दिल्ली में नरसंहार की साजिश” बताया था।

आयोग ने शुक्रवार सुबह 11 बजे तक इन आरोपों को साबित करने के लिए प्रमाण और तथ्यों के साथ जवाब देने को कहा है

🔹 क्या कहा चुनाव आयोग ने?

आयोग ने केजरीवाल से अनुरोध किया है कि वे “अमोनिया संदूषण” और “जहर देने” के बीच अंतर स्पष्ट करें और दोनों को जोड़ने से बचें।
आयोग ने यह भी भड़काऊ बयान देने से सावधान रहने की चेतावनी दी, जिससे सार्वजनिक अशांति या सामुदायिक विवाद उत्पन्न हो सकता है
आयोग का कहना है कि स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना हर सरकार की जिम्मेदारी है और इस मुद्दे का चुनावी राजनीति में उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

🔹 केजरीवाल के दावे पर उठे सवाल

चुनाव आयोग ने केजरीवाल से पूछा:

📌 चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि अमोनिया का उच्च स्तर जल प्रदूषण की समस्या हो सकती है, लेकिन इसे “युद्ध जैसा कृत्य” और “जहर मिलाने” जैसा बताना भ्रामक है
📌 आयोग ने कहा कि जल प्रदूषण का समाधान तकनीकी और प्रशासनिक स्तर पर किया जाना चाहिए न कि राजनीतिक आरोपों के जरिए
📌 आयोग ने इसे हरियाणा सरकार के खिलाफ झूठा और भड़काऊ आरोप करार दिया

राजनीतिक प्रतिक्रिया

🔹 केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे “भ्रामक प्रचार” बताया और कहा कि दिल्ली सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए झूठे आरोप लगा रही है
🔹 दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि केजरीवाल को जनता को गुमराह करने की आदत हो गई है और उन्हें अपने आरोपों के समर्थन में वैज्ञानिक प्रमाण प्रस्तुत करने चाहिए
🔹 आप पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हरियाणा सरकार यमुना में प्रदूषण बढ़ाकर दिल्ली को नुकसान पहुंचा रही है

🔹 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा यमुना जल में जहर मिलाने के आरोपों को चुनाव आयोग ने गंभीरता से लिया है
🔹 आयोग ने केजरीवाल से 29 जनवरी तक आरोपों के समर्थन में प्रमाण देने को कहा था, लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिलने पर 1 फरवरी तक अंतिम मौका दिया गया है
🔹 अगर केजरीवाल अपने आरोपों को साबित नहीं कर पाते, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है

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