वन विभाग की बडी कार्यवाही ‘‘ संरक्षित वन्य प्राणी पेंगोलिन की तस्करी करते पकड़े गये चार अन्तर्राज्यीय तस्कर
“विभाग की बड़ी कार्रवाई: पेंगोलिन की तस्करी करते हुए चार अंतर्राज्यीय तस्कर गिरफ्तार”
वन विभाग की बडी कार्यवाही ‘‘ संरक्षित वन्य प्राणी पेंगोलिन की तस्करी करते पकड़े गये चार अन्तर्राज्यीय तस्कर ‘‘ ‘‘करपावण्ड वन परिक्षेत्र से लगे उड़ीसा बार्डर के समीप घेराबंदी कर 01 नग वन्य प्राणी पेंगोलिन के साथ उड़ीसा राज्य के 04 आरोपी को लिया गया हिरासत में ‘‘ वनमंत्री छ.ग. शासन श्री केदार कष्यप के आदेषा अनुसार छ.ग. वन बल प्रमुख एवं प्रधान मुख्य वन सरंक्षक श्री श्रीनिवास राव एवं मुख्य वन संरक्षक जगदलपुर श्री आर.सी. दुग्गा के मार्गदर्शन में बस्तर वनमण्डल के वनमण्डलाधिकारी श्री उत्तम कुमार गुप्ता के निर्देशन में मुखबिर से प्राप्त सूचना उपरांत उप वनमण्डलाधिकारी बस्तर, परिक्षेत्र अधिकारी करपावण्ड एवं अन्य वन अधिकारीयों की एक टीम गठित कर करपावण्ड कोलावल मार्ग पर घेराबंदी कर 02 मोटर सायकल में एक जूट की थैले में 01 नग जीवित पेंगोलिन के साथ चार आरोपियों को पकड़ा गया, यह चारों व्यक्ति वन्य जीव को बेचने के फिराख में उड़ीसा से छ.ग. आकर ग्राहक तलाश कर रहे थे।
वन विभाग के अधिकारियों द्वारा उक्त वन्य प्राणी को सुरक्षित अपने कब्जे में लेकर चारों आरोपियों को उनके 02 मोटर सायकल भ्मतव भ्थ् क्म्स्न्ग् व्क् 10ज् 3001ए भ्व्छक्। ैभ्प्छम् ैच् ।च् 31 म्ड 7882 के साथ करपावण्ड वन परिक्षेत्र कार्यालय लाया गया एवं वन अपराध प्रकरण क्रमांक 16794/04 दिनांक 29.09.2024 को दर्ज कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। इस कार्यवाही में श्री देवलाल दुग्गा, उप वनमण्डलाधिकारी जगदलपुर, श्री योगेश कुमार रात्रे, उप वनमण्डलाधिकारी, चित्रकोट श्री सुर्यप्रकश धु्रव, वन परिक्षेत्र अधिकारी माचकोट, श्री प्रकाश ठाकुर, वन परिक्षेत्र अधिकारी चित्रकोट, श्री देवेन्द्र वर्मा, वन परिक्षेत्र अधिकारी जगदलपुर, श्री जयराज पात्र, वनरक्षक, श्री श्रीधर स्नेही, सी.एफ.ओ. जगदलपुर, इनका योगदान सराहनीय रहा। ऽ संकटपन्न वन्यप्राणियों के बचाव एवं सुरक्षा हेतु जगदलपुर वन वृत्त स्तरीय रेपिड रेस्क्यू टीम (त्त्ज्) का गठन किया गया है। जो वन्यप्राणियों क बचाव हेतु लगातार सूचना तंत्र स्थापित कर वन्यप्राणियों के तस्कर पर लगाम लगाने का प्रयास कर रहे है। मुख्य वन संरक्षक, वृत्त जगदलपुर ऽ वन्य प्राणी पेंगोलिन वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत् सेड्यूल्ड 1 में दर्ज है। जिसको मारना एवं खरीद फरोक्त करना अपराध है।