NationalNewsPolitics

हेलीकॉप्टर चेक करने पर इतना बवाल क्यों? शाह, नड्डा की भी हो चुकी है चेकिंग

राजनीतिक नेताओं के हेलीकॉप्टर की चेकिंग ने विवाद का रूप ले लिया है, खासकर जब यह मामला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के हेलीकॉप्टर के चेकिंग से जुड़ा था। जब अधिकारियों ने इन नेताओं के हेलीकॉप्टर की जांच की तो एक बवाल मच गया। इस चेकिंग पर सवाल उठाए गए हैं, और विपक्ष ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध की साजिश करार दिया है।

हेलीकॉप्टर चेकिंग पर बवाल

मामला तब सामने आया जब अमित शाह और जेपी नड्डा के हेलीकॉप्टर की उड़ान से पहले एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और स्थानीय प्रशासन द्वारा नियमों के तहत चेकिंग की गई। इन हेलीकॉप्टरों के निरीक्षण के दौरान कुछ प्रक्रियागत मुद्दे और दस्तावेजों की जांच की गई, जिस पर विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि यह एक जानबूझकर की गई कार्यवाही है, जो किसी राजनीतिक मंशा के तहत की गई है।

सवाल यह उठ रहा है कि यदि चेकिंग नियमों के अनुसार की जा रही थी तो फिर इसमें इतना बवाल क्यों? दरअसल, इन हेलीकॉप्टरों की चेकिंग उस समय की गई जब ये दोनों नेता चुनावी दौरे पर थे। कुछ राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह चेकिंग उन नेताओं को असुविधा पहुंचाने के उद्देश्य से की गई, जबकि सरकार का पक्ष है कि यह सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा था और इसमें कुछ भी गलत नहीं था।

शाह और नड्डा की भी हो चुकी है चेकिंग

हालांकि यह पहली बार नहीं है कि सरकार के बड़े नेताओं की चेकिंग की गई हो। इससे पहले भी अमित शाह और जेपी नड्डा के हेलीकॉप्टरों की चेकिंग की जा चुकी है। हालांकि, इस बार चेकिंग के दौरान कुछ डॉक्यूमेंट और आपातकालीन प्रोटोकॉल के तहत की गई कार्रवाई को लेकर विवाद खड़ा हुआ।

कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, अमित शाह और जेपी नड्डा ने अपनी यात्रा के दौरान कुछ समय के लिए एयर स्पेस का उल्लंघन किया था, जिस वजह से प्रशासन ने हेलीकॉप्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह चेकिंग की थी।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

विपक्ष ने इस चेकिंग पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनका कहना है कि यह राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा हो सकता है, और इस तरह की जांच केवल सत्ता के दुरुपयोग को दर्शाती है। विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए आरोप लगाया कि यह नेताओं को परेशान करने की कोशिश की जा रही है।

कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग हर बार सत्ता के प्रभाव का इस्तेमाल कर विपक्षी नेताओं को दबाने की कोशिश करते हैं। वहीं, कई अन्य विपक्षी नेताओं ने यह भी दावा किया कि यह चेकिंग चुनावी माहौल को प्रभावित करने की एक सोची-समझी रणनीति हो सकती है।

सरकार का पक्ष

सरकार की ओर से इस मुद्दे पर बयान आया है कि हेलीकॉप्टर चेकिंग सुरक्षा और नियमों के तहत की जाती है, और इसमें कोई भी राजनीतिक कारण नहीं छिपा हुआ है। प्रशासन का कहना है कि ऐसे निरीक्षण आमतौर पर सभी प्रमुख अधिकारियों के हेलीकॉप्टरों की उड़ान से पहले किए जाते हैं, ताकि किसी भी प्रकार की तकनीकी या सुरक्षा संबंधी समस्या से बचा जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *