हृदय में भी मौजूद हैं मीठे स्वाद के रिसेप्टर, वैज्ञानिकों ने किया नया खुलासा
“शोधकर्ताओं ने एक आश्चर्यजनक खोज की है कि हमारे हृदय में भी मीठे स्वाद के रिसेप्टर मौजूद होते हैं, जो हमारी हृदय गति और रक्त प्रवाह को प्रभावित कर सकते हैं। पहले यह माना जाता था कि स्वाद रिसेप्टर केवल जीभ पर मौजूद होते हैं और खाने के स्वाद को पहचानने का कार्य करते हैं, लेकिन इस नए अध्ययन ने यह दिखाया है कि ये रिसेप्टर हृदय की मांसपेशियों में भी सक्रिय रहते हैं और वहां एक अलग भूमिका निभाते हैं।“
कैसे काम करते हैं ये मीठे स्वाद रिसेप्टर?
वैज्ञानिकों ने पाया कि ये स्वाद ग्रहण करने वाली संरचनाएं (Taste Receptors) न केवल हृदय की मांसपेशियों में मौजूद होती हैं, बल्कि सक्रिय भी होती हैं।
- जब इन रिसेप्टर्स को कृत्रिम मिठास जैसे एस्पार्टेम से उत्तेजित किया गया, तो हृदय की मांसपेशियों के संकुचन की शक्ति बढ़ गई।
- यह रिसेप्टर हृदय कोशिकाओं में कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित करने में भी भूमिका निभाते हैं, जिससे हृदय की धड़कन प्रभावित होती है।
- अध्ययन में यह भी देखा गया कि हृदय रोगियों के हृदय में इन रिसेप्टर्स की संख्या अधिक पाई गई, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि हृदय रोगों और इन रिसेप्टर्स के बीच कोई संबंध हो सकता है।
भोजन के दौरान हृदय पर पड़ता है असर
शोधकर्ता माइका योडर, जो शिकागो की लोयोला यूनिवर्सिटी में अध्ययन कर रहे हैं, बताते हैं कि जब हम भोजन करते हैं, तो हृदय गति और रक्तचाप में वृद्धि होती है।
पहले यह माना जाता था कि यह प्रभाव सिर्फ तंत्रिका तंत्र (Nervous System) के कारण होता है, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने पाया कि भोजन के बाद रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ने पर हृदय में मौजूद मीठे स्वाद के रिसेप्टर सक्रिय हो जाते हैं और हृदय की धड़कन को प्रभावित करते हैं।
कृत्रिम मिठास और हृदय स्वास्थ्य पर प्रभाव
अध्ययन में यह भी पाया गया कि अधिक कृत्रिम मिठास वाले पेय या खाद्य पदार्थों का सेवन हृदय की धड़कन को असामान्य बना सकता है।
- कृत्रिम मिठास से हृदय की मांसपेशियों में अत्यधिक सक्रियता देखी गई, जो लंबे समय में हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।
- वैज्ञानिकों का मानना है कि ज्यादा मात्रा में कृत्रिम मिठास लेने से हृदय की लय (Heart Rhythm) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
स्वास्थ्य पर क्या हो सकते हैं असर?
इस शोध से हृदय की कार्यप्रणाली को समझने और हृदय रोगों के इलाज के लिए नए द्वार खुल सकते हैं।
- हृदय रोगों का निदान: वैज्ञानिक अब इस रिसर्च के जरिए हृदय की बीमारियों के नए इलाज विकसित करने की संभावना तलाश रहे हैं।
- कृत्रिम मिठास का सीमित उपयोग: इस अध्ययन से यह संकेत मिलता है कि ज्यादा कृत्रिम मिठास वाले पेय पदार्थ और खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए।
- भविष्य के अनुसंधान: इस खोज के आधार पर वैज्ञानिक अब यह अध्ययन करेंगे कि क्या इन रिसेप्टर्स को नियंत्रित करके हृदय रोगों का इलाज किया जा सकता है।
यह अध्ययन स्वास्थ्य और पोषण विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खोज साबित हो सकता है। अगर हृदय में मौजूद मीठे स्वाद के रिसेप्टर्स हृदय गति और रक्तचाप को प्रभावित कर सकते हैं, तो यह हृदय रोगों के निदान और उपचार में मददगार हो सकता है।
हालांकि, अत्यधिक कृत्रिम मिठास का सेवन हृदय की लय को असामान्य बना सकता है, इसलिए इस अध्ययन के परिणामों के आधार पर हमें संतुलित आहार और प्राकृतिक मिठास को प्राथमिकता देनी चाहिए।