एलआईसी की बीमा सखी योजना: महिलाओं को सशक्त बनाने की नई पहल, अब तक 50 हजार से अधिक पंजीकरण
✅ बीमा सखी योजना: महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता की राह
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की बीमा सखी योजना ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल की है। इस योजना के तहत देश की हर पंचायत में एक बीमा सखी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। योजना की शुरुआत के एक महीने के भीतर ही 50 हजार से ज्यादा महिलाओं ने इसमें पंजीकरण कराया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना में 27,695 बीमा सखियों को नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं, जबकि 14,583 बीमा सखियों ने बीमा पॉलिसी बेचना शुरू कर दिया है।
🔹 क्या है बीमा सखी योजना?
बीमा सखी योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और ग्रामीण क्षेत्रों में बीमा सेवाएं उपलब्ध कराना है।
एलआईसी के सीईओ सिद्धार्थ मोहंती ने कहा,
“हमारा लक्ष्य है कि हर पंचायत में कम से कम एक बीमा सखी हो। यह योजना महिलाओं को डिजिटल कौशल के साथ सशक्त बनाती है।”
🔹 बीमा सखी को कितनी मिलेगी आर्थिक मदद?
बीमा सखी योजना के तहत महिलाओं को तीन साल तक मासिक वजीफा दिया जाएगा:
- पहले वर्ष: ₹7,000 प्रति माह
- दूसरे वर्ष: ₹6,000 प्रति माह
- तीसरे वर्ष: ₹5,000 प्रति माह
इसके अलावा बीमा सखी पॉलिसी बेचने पर कमीशन भी कमा सकती हैं। यह कमीशन उनके व्यवसाय के आधार पर दिया जाएगा।
🔹 कौन कर सकता है आवेदन?
बीमा सखी योजना में 18 से 70 वर्ष की महिलाएं आवेदन कर सकती हैं।
- न्यूनतम शिक्षा: 10वीं कक्षा पास
- पंजीकरण के लिए एलआईसी की आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन किया जा सकता है।
🔹 बीमा सखी योजना का उद्देश्य
- ग्रामीण क्षेत्रों में बीमा सेवाओं का विस्तार
- महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना
- डिजिटल तकनीक का उपयोग कर रोजगार के नए अवसर पैदा करना
🔹 योजना से जुड़ी खास बातें:
- एलआईसी का लक्ष्य है कि अगले तीन वर्षों में 2 लाख बीमा सखियों की भर्ती की जाए।
- हर पंचायत में कम से कम एक बीमा सखी होगी।
- बीमा सखियों को डिजिटल उपकरण और कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
बीमा सखी योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और स्वावलंबी बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। यह योजना ग्रामीण भारत में बीमा जागरूकता बढ़ाने और महिलाओं को आत्मनिर्भरता की नई राह पर ले जाने में अहम भूमिका निभाएगी।