भारतीय बैंकिंग सेक्टर ने 2024-25 में दिखाया दम, एनपीए घटकर 12 साल के न्यूनतम स्तर पर
“भारतीय बैंकिंग सेक्टर ने वित्त वर्ष 2024-25 के पहले नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर) में मजबूत प्रदर्शन किया है। सरकार द्वारा जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के मुताबिक, बैंकों का ग्रॉस एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां) सितंबर 2024 तक घटकर 2.6% रह गया है, जो पिछले 12 वर्षों में सबसे कम है। इसके साथ ही, बैंकों का मुनाफा सालाना आधार पर 22.2% बढ़ा है, जो भारतीय बैंकिंग सेक्टर की मजबूती को दर्शाता है।“
बैंक क्रेडिट और जमा राशि में तेज़ी
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ स्थिर गति से बढ़ रही है और बैंकों की कुल जमा राशि में भी तेजी देखी गई है।
- बैंकों की कुल जमा राशि: नवंबर 2024 तक 11.1% की वृद्धि
- कृषि क्षेत्र में कर्ज वृद्धि दर: 5.1%
- औद्योगिक क्षेत्र में कर्ज वृद्धि दर: 4.4% (पिछले वर्ष 3.2% थी)
- एमएसएमई सेक्टर के लिए कर्ज वृद्धि दर: 13%
- बड़ी कंपनियों के लिए कर्ज वृद्धि दर: 6.1%
ग्रामीण बैंकिंग सेक्टर का प्रदर्शन भी बेहतर
ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सिस्टम की मजबूती भी देखने को मिली है। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRB) का शुद्ध लाभ पिछले वर्ष ₹4,974 करोड़ से बढ़कर ₹7,571 करोड़ हो गया, जिससे स्पष्ट है कि ग्रामीण इलाकों में भी बैंकिंग सुविधाएं लगातार मजबूत हो रही हैं।
एनपीए में और गिरावट की संभावना
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच के अनुसार, मार्च 2025 तक भारतीय बैंकों का एनपीए घटकर 2.4% हो सकता है। अगले साल इसमें और 0.2% की गिरावट की संभावना जताई गई है।
एनपीए में कमी का सीधा मतलब है कि बैंकों को दिए गए कर्ज की वापसी में सुधार हुआ है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति और मजबूत बनी हुई है।
भारतीय अर्थव्यवस्था को बैंकिंग सेक्टर से मजबूती
बैंकिंग सेक्टर में सुधारों और कर्ज प्रबंधन की अच्छी नीतियों के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। सरकारी बैंकों ने बैलेंस शीट में सुधार किया है और पब्लिक सेक्टर बैंकों के मुनाफे में भी लगातार इजाफा हो रहा है।
इसके अलावा, डिजिटल बैंकिंग और यूपीआई ट्रांजैक्शन में तेजी ने भी बैंकिंग सेक्टर की मजबूती में अहम भूमिका निभाई है।
भारतीय बैंकिंग सेक्टर 2024-25 में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। बैंकों का एनपीए 12 साल के सबसे निचले स्तर 2.6% पर आ गया है, जबकि बैंकिंग मुनाफे में 22% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सरकार की आर्थिक नीतियों, डिजिटल बैंकिंग के विस्तार और वित्तीय अनुशासन के कारण बैंकिंग सेक्टर लगातार मजबूती की ओर बढ़ रहा है।