महाकुंभ 2025: भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी
“भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने मंगलवार को महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई।“
भूटान नरेश सोमवार को लखनऊ पहुंचे थे, जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
महाकुंभ के पवित्र स्नान के बाद करेंगे पूजन
संगम स्नान के बाद भूटान नरेश प्रयागराज में अक्षय वट और बड़े हनुमान मंदिर के दर्शन करेंगे।
महाकुंभ में उनका आगमन भारत-भूटान सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने का प्रतीक है।
इस दौरान उनके साथ भूटान के प्रतिष्ठित प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया स्वागत
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर भूटान नरेश के स्वागत की तस्वीरें साझा कीं।
उन्होंने लिखा:
“शौर्य, संस्कार एवं सांस्कृतिक समरसता की पावन भूमि उत्तर प्रदेश में भूटान के महामहिम नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक जी का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन!”
इसके बाद भूटान नरेश उत्तर प्रदेश के राजभवन पहुंचे, जहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें सम्मानित किया।
भारत-भूटान मैत्री संबंध और सांस्कृतिक सहयोग पर चर्चा
भूटान नरेश और सीएम योगी आदित्यनाथ ने भारत-भूटान के मजबूत मैत्री संबंधों पर चर्चा की।
राजभवन में भूटान नरेश के सम्मान में विशेष रात्रिभोज का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर भारतीय एवं भूटानी प्रतिनिधिमंडल के गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।
भूटान नरेश ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
भारत-भूटान संबंधों को और प्रगाढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण यात्रा
भारत और भूटान के बीच सदियों पुराने मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं, जो आपसी समझ, विश्वास और सहयोग पर आधारित हैं।
पिछले वर्ष दिसंबर में भी भूटान नरेश और भूटान की रानी जेटसन पेमा वांगचुक ने भारत की यात्रा की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भूटान नरेश के बीच हुई बैठक में द्विपक्षीय सहयोग और वैश्विक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई थी।
भूटान नरेश का यह दौरा भारत-भूटान सांस्कृतिक और मैत्रीपूर्ण संबंधों को और अधिक सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
महाकुंभ 2025 में भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक की उपस्थिति भारत-भूटान के घनिष्ठ संबंधों को दर्शाती है।
त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाकर उन्होंने भारतीय आध्यात्मिकता के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा प्रकट की।
इस यात्रा से दोनों देशों के सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी।
महाकुंभ 2025 का यह ऐतिहासिक क्षण भारत-भूटान की दोस्ती में एक नया अध्याय जोड़ने का काम करेगा।