पाकिस्तान के ग्वादर में चीन बनाएगा सैन्य अड्डा, लीक डॉक्यूमेंट में हुआ खुलासा; भारत-अमेरिका की बढ़ी चिंता
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर ग्वादर में चीन के सैन्य अड्डा बनाने की योजना का खुलासा हुआ है। एक लीक हुए दस्तावेज में यह जानकारी सामने आई है, जिससे भारत और अमेरिका की चिंताएं बढ़ गई हैं। ग्वादर बंदरगाह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का प्रमुख हिस्सा है और हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों का केंद्र बन रहा है।
लीक दस्तावेज में क्या है?
लीक हुए दस्तावेज में यह संकेत दिया गया है कि चीन ग्वादर में एक बड़ा सैन्य अड्डा स्थापित करने की योजना बना रहा है। यह अड्डा न केवल क्षेत्र में चीन की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि भारत के पश्चिमी तट और अमेरिका के इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भी असंतुलन पैदा कर सकता है।
चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति
ग्वादर बंदरगाह का प्रबंधन पहले से ही चीन के पास है और इसे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के तहत विकसित किया गया है। अब, इस सैन्य अड्डे के निर्माण से चीन की हिंद महासागर में पहुंच और मजबूत हो जाएगी। चीन पहले से ही अफ्रीका के जिबूती में अपना सैन्य अड्डा बना चुका है, और ग्वादर में सैन्य अड्डा बनाने से उसकी वैश्विक सैन्य ताकत और विस्तार में वृद्धि होगी।
भारत और अमेरिका की बढ़ी चिंता
इस खुलासे के बाद भारत और अमेरिका दोनों की चिंताएं बढ़ गई हैं। भारत के लिए ग्वादर बंदरगाह की नजदीकी और इसके साथ चीन की सैन्य उपस्थिति, उसकी सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन सकती है। भारत पहले से ही CPEC को लेकर अपनी आपत्ति जता चुका है, क्योंकि यह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से होकर गुजरता है।
अमेरिका के लिए, यह चीन की इंडो-पैसिफिक में बढ़ती ताकत का संकेत है। अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति का उद्देश्य चीन के प्रभाव को रोकना है, लेकिन ग्वादर में चीनी सैन्य अड्डे से उसकी रणनीति को चुनौती मिल सकती है।
पाकिस्तान की भूमिका
पाकिस्तान और चीन की मजबूत साझेदारी को देखते हुए, ग्वादर में सैन्य अड्डा बनाना पाकिस्तान के लिए आर्थिक और सामरिक लाभ ला सकता है। हालांकि, यह भारत के साथ उसके संबंधों को और अधिक तनावपूर्ण बना सकता है और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा पैदा कर सकता है।