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भारत में गोल्ड निवेश 60% बढ़ा, 2024 में पहुंचा 1.5 लाख करोड़ रुपये

पिछले साल भारत में गोल्ड निवेश (मूल्य के संदर्भ में) 60% बढ़कर 1.5 लाख करोड़ रुपये या 18 अरब डॉलर हो गया। यह 2023 की तुलना में 60% अधिक है। यह जानकारी वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) द्वारा बुधवार को जारी रिपोर्ट में दी गई।

2024 में गोल्ड की मांग 239 टन रही

गोल्ड निवेश की मांग 2024 में 239 टन रही, जो 2013 के बाद सबसे अधिक है।
2023 में यह मांग 185 टन थी, यानी इसमें 29% की बढ़ोतरी हुई।
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 76 टन गोल्ड खरीदा गया, जो जुलाई-सितंबर तिमाही के समान है।

वैश्विक स्तर पर गोल्ड की मांग में 25% की बढ़ोतरी

ग्लोबल लेवल पर 2024 में गोल्ड की कुल मांग 1,180 टन रही, जिसमें भारत की हिस्सेदारी 239 टन (20%) थी।
2023 में वैश्विक गोल्ड मांग 945.5 टन थी।
सालाना आधार पर गोल्ड की मांग में 25% का इजाफा हुआ है।

गोल्ड की मांग बढ़ने के कारण

गोल्ड की बढ़ती कीमतों ने निवेशकों को आकर्षित किया।
भारत में जुलाई 2024 में सीमा शुल्क में कटौती से गोल्ड की मांग तेज हुई।
धनतेरस और दिवाली के त्योहारी सीजन ने गोल्ड खरीद को बढ़ावा दिया।
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से छोटे सोने के सिक्कों और बार की तेज़ डिलीवरी ने भी निवेशकों को आकर्षित किया।

गोल्ड की कीमत ऑल-टाइम हाई पर

24 कैरेट गोल्ड (10 ग्राम) की कीमत ₹1,310 बढ़कर ₹84,320 हो गई।
एक दिन पहले यह ₹83,010 प्रति 10 ग्राम थी।
गोल्ड की कीमत में बढ़त की वजह अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते टैरिफ वार से आई आर्थिक अनिश्चितता है।

क्या गोल्ड निवेश फायदेमंद रहेगा?

गोल्ड निवेश 2024 में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा है।
वैश्विक अनिश्चितता के कारण निवेशकों का गोल्ड की ओर रुझान बढ़ा है।
अगर गोल्ड की कीमतें और बढ़ती हैं, तो निवेशकों को अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं।

भारत में गोल्ड निवेश 2024 में रिकॉर्ड 1.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसकी मांग 239 टन रही, जो 2013 के बाद सबसे अधिक है। गोल्ड की कीमत भी ऑल-टाइम हाई पर है, जिससे निवेशकों का आकर्षण बढ़ा है।

क्या गोल्ड की कीमतें और बढ़ेंगी या अब गिरावट आएगी? निवेशकों को सतर्क रहना जरूरी है।

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