पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात: भारत-अमेरिका संबंधों का नया एजेंडा तय होगा
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो देशों की यात्रा के दूसरे चरण में वॉशिंगटन डीसी पहुंचे हैं, जहां वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। इस महत्वपूर्ण बैठक में आगामी चार वर्षों के लिए भारत-अमेरिका संबंधों का एजेंडा तय किया जाएगा। इस संबंध में यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) के सीईओ डॉ. मुकेश अघी ने विशेष बातचीत की और बताया कि इस यात्रा का दोनों देशों के व्यापारिक और रणनीतिक संबंधों पर बड़ा असर पड़ेगा।“
भारत-अमेरिका रिश्तों पर क्या बोले USISPF के सीईओ?
डॉ. मुकेश अघी के अनुसार, भारत और अमेरिका के संबंध बेहद मजबूत हैं और यह बैठक आगामी चार वर्षों के लिए महत्वपूर्ण रणनीतिक निर्णयों की नींव रखेगी।
इस बातचीत में जियो-पॉलिटिक्स, अर्थव्यवस्था, तकनीकी सहयोग और व्यापार जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी।
व्यापारिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए दोनों देशों के बिजनेस लीडर्स और सरकारी अधिकारी मिलकर काम करेंगे।
क्या भारत को ट्रंप के टैरिफ फैसले से डरने की जरूरत है?
हाल ही में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ बढ़ाने की घोषणा ने कई देशों की चिंता बढ़ा दी है। इस पर डॉ. अघी का कहना है कि भारत को इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
उनके मुताबिक:
अमेरिका का टैरिफ बढ़ाने का फैसला एक तरह की नेगोशिएशन रणनीति है।
भारत के लिए टैरिफ कम कर दिए गए हैं, इसलिए यह चिंता का विषय नहीं है।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंध मजबूत और स्थिर बने रहेंगे।
एच1बी वीजा और इमिग्रेशन पर क्या बोले USISPF प्रमुख?
एच1बी वीजा और इमिग्रेशन से जुड़े सवाल पर डॉ. अघी ने कहा:
अमेरिका एक इमिग्रेंट्स का देश है और यह कानूनी आप्रवासियों (Legal Immigrants) पर आधारित है।
अमेरिका में 16 मिलियन (1.6 करोड़) अवैध अप्रवासी हैं, लेकिन इनमें से 700-1000 लोग ही कोर्ट की प्रक्रिया में हैं।
भारत से अमेरिका जाने वाले इमिग्रेंट्स कानूनी रूप से काम करने वाले लोगों की श्रेणी में आते हैं, इसलिए इसमें कोई मतभेद नहीं होगा।
इस बैठक से भारत और अमेरिका को क्या फायदा होगा?
व्यापार और निवेश:
अमेरिका से भारत में निवेश बढ़ाने पर चर्चा होगी, जिससे भारतीय स्टार्टअप्स और टेक कंपनियों को फायदा होगा।
डिजिटल और टेक्नोलॉजी सेक्टर में साझेदारी को और मजबूत किया जाएगा।
रक्षा और रणनीति:
भारत-अमेरिका के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग पर भी बातचीत होगी।
वैश्विक भू-राजनीति और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत-अमेरिका सहयोग बढ़ेगा।
एच1बी वीजा और इमिग्रेशन:
भारत से अमेरिका जाने वाले कुशल श्रमिकों के लिए एच1बी वीजा नीति में सुधार की संभावना।
भारतीय आईटी पेशेवरों और छात्रों के लिए अमेरिका में अवसरों को बढ़ाने पर चर्चा होगी।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात भारत-अमेरिका संबंधों को नई दिशा देने के लिए बेहद अहम होगी।
इस बैठक में व्यापार, तकनीक, रक्षा और इमिग्रेशन जैसे मुद्दों पर प्रमुख चर्चा होगी।
एच1बी वीजा, व्यापारिक सहयोग और निवेश जैसे क्षेत्रों में भारत के लिए नई संभावनाएं खुलेंगी।
अमेरिकी टैरिफ को लेकर भारत को ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह सिर्फ एक रणनीति है।