मेटा का ‘वाटरवर्थ’ प्रोजेक्ट: 50,000 KM लंबा अंडरसी केबल भारत-अमेरिका डिजिटल कनेक्टिविटी को करेगा मजबूत
“फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप की पेरेंट कंपनी मेटा ने 50,000 किलोमीटर लंबी अंडरसी केबल ‘वाटरवर्थ’ प्रोजेक्ट की घोषणा की है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी को मजबूत करना है। यह दुनिया का सबसे लंबा समुद्री केबल नेटवर्क होगा और इसके जरिए पांच महाद्वीपों को डिजिटल रूप से जोड़ा जाएगा।“
‘वाटरवर्थ’ प्रोजेक्ट से क्या होगा फायदा?
- हाई-स्पीड इंटरनेट – भारत और अमेरिका के बीच बेहतर इंटरनेट स्पीड और विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी।
- डिजिटल इकोसिस्टम को बढ़ावा – भारतीय डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और स्टार्टअप्स को तेजी से कनेक्टिविटी मिलेगी।
- अर्थव्यवस्था को मजबूती – भारत में डिजिटल सेवाओं और टेक्नोलॉजी के विस्तार से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- नई नौकरियों के अवसर – इस प्रोजेक्ट से आईटी और टेलीकॉम सेक्टर में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
भारत के लिए क्यों अहम है यह प्रोजेक्ट?
- भारत में मेटा के 100 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं, जिससे यह कंपनी के लिए सबसे बड़ा बाजार है।
- गांवों और कस्बों में हाई-स्पीड इंटरनेट की पहुंच तेजी से बढ़ रही है।
- इस प्रोजेक्ट के जरिए भारत में डिजिटल सेवाओं का विस्तार किया जाएगा, जिससे इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या और बढ़ेगी।
समुद्री केबल 7,000 मीटर गहराई में बिछाई जाएगी
मेटा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में 7,000 मीटर तक की गहराई में समुद्री केबल बिछाई जाएगी।
- जहाजों के लंगर और अन्य खतरों से बचाने के लिए विशेष दफन तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
- यह अत्याधुनिक और उच्च क्षमता वाली टेक्नोलॉजी से बनाया जाएगा, जिससे डिजिटल हाईवे की विश्वसनीयता बढ़ेगी।
प्रोजेक्ट कब तक पूरा होगा?
- मेटा ने घोषणा की है कि यह प्रोजेक्ट इस दशक के अंत तक पूरा हो सकता है।
- प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद भारत, अमेरिका, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों को हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलेगी।
- यह एक मल्टी-बिलियन डॉलर परियोजना होगी, जो डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को नए आयाम देगी।
मेटा की आधिकारिक प्रतिक्रिया
मेटा के प्रवक्ता ने कहा,
“भारत में डिजिटल सेवाओं की बढ़ती मांग को देखते हुए, यह निवेश आर्थिक विकास, मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल समावेशन के प्रति मेटा की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह भारत के डिजिटल विकास और टेक्नोलॉजी इनोवेशन को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।”
मेटा का ‘वाटरवर्थ’ प्रोजेक्ट भारत और अमेरिका के बीच डिजिटल कनेक्टिविटी को नए स्तर पर ले जाएगा। इस प्रोजेक्ट से हाई-स्पीड इंटरनेट, डिजिटल सेवाओं का विस्तार, टेक्नोलॉजी इनोवेशन और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। यह प्रोजेक्ट भारत के डिजिटल भविष्य के लिए एक बड़ी छलांग साबित हो सकता है।